गुरुवार, 18 सितंबर 2008

इंतजार ...

ज़िन्दगी मुझे भी

लगने लगी है खुबसूरत

हर तरफ़ दिखता है

आफ़ताब ही आफ़ताब

आंखों में आ गई चपलता

गाल हो रहे सुर्ख

शायद बदल गई है चाल भी

यह उमस भरा दिन

लग रहा है प्यारा
मन में है उल्लास

जिस दिन का किय

वर्षों इन्तजार

कहीं यह वही तो नही

यह हवा लायी है

तुम्हारी खुशबू

या तुम

स्वयम आए हो

क्या ख़त्म होने लगेगा

इंतजार ...

21 टिप्‍पणियां:

कडुवासच ने कहा…

अच्छा ब्लाग है, अच्छा लिखती हैं।

Udan Tashtari ने कहा…

हिन्दी चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है. नियमित लेखन के लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाऐं.

वर्ड वेरिपिकेशन हटा लें तो टिप्पणी करने में सुविधा होगी. बस एक निवेदन है.

Shastri JC Philip ने कहा…

चित्र एवं शब्दों का अनोखा मेल!!

हिन्दी चिट्ठाजगत में इस नये चिट्ठे का एवं चिट्ठाकार का हार्दिक स्वागत है.

मेरी कामना है कि यह नया कदम जो आपने उठाया है वह एक बहुत दीर्घ, सफल, एवं आसमान को छूने वाली यात्रा निकले. यह भी मेरी कामना है कि आपके चिट्ठे द्वारा बहुत लोगों को प्रोत्साहन एवं प्रेरणा मिल सके.

हिन्दी चिट्ठाजगत एक स्नेही परिवार है एवं आपको चिट्ठाकारी में किसी भी तरह की मदद की जरूरत पडे तो बहुत से लोग आपकी मदद के लिये तत्पर मिलेंगे.

शुभाशिष !

-- शास्त्री (www.Sarathi.info)

Shastri JC Philip ने कहा…

एक अनुरोध -- कृपया वर्ड-वेरिफिकेशन का झंझट हटा दें. इससे आप जितना सोचते हैं उतना फायदा नहीं होता है, बल्कि समर्पित पाठकों/टिप्पणीकारों को अनावश्यक परेशानी होती है. हिन्दी के वरिष्ठ चिट्ठाकारों में कोई भी वर्ड वेरिफिकेशन का प्रयोग नहीं करता है, जो इस बात का सूचक है कि यह एक जरूरी बात नहीं है.

makrand ने कहा…

simple lines
but well crafted
thanks

betuki@bloger.com ने कहा…

बहुत अच्छा। ब्लाग की दुनिया में स्वागत है।

बेनामी ने कहा…

bahot badhiya...

Smart Indian ने कहा…

शुभमस्तु!

जितेन्द़ भगत ने कहा…

एक सार्वकालि‍क अनुभव, बस पात्र और इच्‍छाऍं बदलती रहती हैं।
सुंदर भावनाऍं।

Anwar Qureshi ने कहा…

माशा अल्लाह क्या बात है ....हम दुआ करेंगे खुदा से आप के लिए की जल्द अस जल्द आप की तलाश पूरी हो जाये ..आमीन.....बहुत खूब लिखा है आप ने लिखते रहिये ....शुभकामनाएं ....

प्रदीप मानोरिया ने कहा…

यह हवा लायी है

तुम्हारी खुशबू

या तुम

स्वयम आए हो
सुंदर भावाभिव्यक्ति बधाई
थोडा समय निकालें मेरे ब्लॉग पर पुन: पधारें

बेनामी ने कहा…

very beautiful.........

Ashok Pandey ने कहा…

बहुत सुंदर है आपका ब्‍लॉग। जितना अच्‍छा लेखन है, उतने ही उपयुक्‍त चित्रों का चयन। निश्‍चय ही हिन्‍दी चिट्ठाकारी आपकी सतत क्रियाशीलता से समृद्ध बनेगी। शुभकामनाएं।

Sumit Pratap Singh ने कहा…

सादर नमस्कार!

कृपया निमंत्रण स्वीकारें व अपुन के ब्लॉग सुमित के तडके (गद्य) पर पधारें। "एक पत्र आतंकवादियों के नाम" आपकी अमूल्य टिप्पणी हेतु प्रतीक्षारत है।

विक्रांत बेशर्मा ने कहा…

बहुत ही खूबसूरत रचना है :)

Renu Sharma ने कहा…

hi ,shelley ji , bahut achchha likha hai .
mujhe bhi padti rahiye ga .

Jaidev Jonwal ने कहा…

pyar ka ehsaas bahut accha abhivyakt kiya aapne

pyar wo rang,noor,or hawa hai jo bin bole bin jaane na jaane kaha se chale aati hai log do darwazo khidkiyo se aate hai ye dil se dil tak bina ahat ke chale aati hai

प्रदीप मानोरिया ने कहा…

गज़ब लाजवाव . बधाई
मेरे ब्लॉग पर दस्तक देने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया
मेरी नई पोस्ट कांग्रेसी दोहे पढने हेतु आप मेरे ब्लॉग पर सादर आमंत्रित हैं

प्रदीप मानोरिया ने कहा…

thnx for visiting my blog
please be regular to visit my blog

Bahadur Patel ने कहा…

bahut dil se likha hai apane.

bhootnath ने कहा…

sab kuch dekha...aur dil mera ho gaya honey-honey....baar-baar dekhungaa ise...aap muskuraate raho chwanni-athanni...!!