ज़िन्दगी मुझे भी
लगने लगी है खुबसूरत
आफ़ताब ही आफ़ताब
आंखों में आ गई चपलता
गाल हो रहे सुर्ख
शायद बदल गई है चाल भी
यह उमस भरा दिन
लग रहा है प्यारा
मन में है उल्लास
जिस दिन का किय
वर्षों इन्तजार
कहीं यह वही तो नही
यह हवा लायी है
तुम्हारी खुशबू
स्वयम आए हो
क्या ख़त्म होने लगेगा
इंतजार ...
21 टिप्पणियां:
अच्छा ब्लाग है, अच्छा लिखती हैं।
हिन्दी चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है. नियमित लेखन के लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाऐं.
वर्ड वेरिपिकेशन हटा लें तो टिप्पणी करने में सुविधा होगी. बस एक निवेदन है.
चित्र एवं शब्दों का अनोखा मेल!!
हिन्दी चिट्ठाजगत में इस नये चिट्ठे का एवं चिट्ठाकार का हार्दिक स्वागत है.
मेरी कामना है कि यह नया कदम जो आपने उठाया है वह एक बहुत दीर्घ, सफल, एवं आसमान को छूने वाली यात्रा निकले. यह भी मेरी कामना है कि आपके चिट्ठे द्वारा बहुत लोगों को प्रोत्साहन एवं प्रेरणा मिल सके.
हिन्दी चिट्ठाजगत एक स्नेही परिवार है एवं आपको चिट्ठाकारी में किसी भी तरह की मदद की जरूरत पडे तो बहुत से लोग आपकी मदद के लिये तत्पर मिलेंगे.
शुभाशिष !
-- शास्त्री (www.Sarathi.info)
एक अनुरोध -- कृपया वर्ड-वेरिफिकेशन का झंझट हटा दें. इससे आप जितना सोचते हैं उतना फायदा नहीं होता है, बल्कि समर्पित पाठकों/टिप्पणीकारों को अनावश्यक परेशानी होती है. हिन्दी के वरिष्ठ चिट्ठाकारों में कोई भी वर्ड वेरिफिकेशन का प्रयोग नहीं करता है, जो इस बात का सूचक है कि यह एक जरूरी बात नहीं है.
simple lines
but well crafted
thanks
बहुत अच्छा। ब्लाग की दुनिया में स्वागत है।
bahot badhiya...
शुभमस्तु!
एक सार्वकालिक अनुभव, बस पात्र और इच्छाऍं बदलती रहती हैं।
सुंदर भावनाऍं।
माशा अल्लाह क्या बात है ....हम दुआ करेंगे खुदा से आप के लिए की जल्द अस जल्द आप की तलाश पूरी हो जाये ..आमीन.....बहुत खूब लिखा है आप ने लिखते रहिये ....शुभकामनाएं ....
यह हवा लायी है
तुम्हारी खुशबू
या तुम
स्वयम आए हो
सुंदर भावाभिव्यक्ति बधाई
थोडा समय निकालें मेरे ब्लॉग पर पुन: पधारें
very beautiful.........
बहुत सुंदर है आपका ब्लॉग। जितना अच्छा लेखन है, उतने ही उपयुक्त चित्रों का चयन। निश्चय ही हिन्दी चिट्ठाकारी आपकी सतत क्रियाशीलता से समृद्ध बनेगी। शुभकामनाएं।
सादर नमस्कार!
कृपया निमंत्रण स्वीकारें व अपुन के ब्लॉग सुमित के तडके (गद्य) पर पधारें। "एक पत्र आतंकवादियों के नाम" आपकी अमूल्य टिप्पणी हेतु प्रतीक्षारत है।
बहुत ही खूबसूरत रचना है :)
hi ,shelley ji , bahut achchha likha hai .
mujhe bhi padti rahiye ga .
pyar ka ehsaas bahut accha abhivyakt kiya aapne
pyar wo rang,noor,or hawa hai jo bin bole bin jaane na jaane kaha se chale aati hai log do darwazo khidkiyo se aate hai ye dil se dil tak bina ahat ke chale aati hai
गज़ब लाजवाव . बधाई
मेरे ब्लॉग पर दस्तक देने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया
मेरी नई पोस्ट कांग्रेसी दोहे पढने हेतु आप मेरे ब्लॉग पर सादर आमंत्रित हैं
thnx for visiting my blog
please be regular to visit my blog
bahut dil se likha hai apane.
sab kuch dekha...aur dil mera ho gaya honey-honey....baar-baar dekhungaa ise...aap muskuraate raho chwanni-athanni...!!
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