रविवार, 26 अप्रैल 2009
सवारी
इन खाली गाड़ियों में बैठना पसंद करेंगे? तो देर किस बात की जल्दी से सवार हो जाओ
फ़िर हुई शुरूआत
सोच रही थी मेरे इस ब्लॉग को मेरी और मुझे इसकी जरुरत तो है। और इसलिए इसे बरक़रार रखना ही चाहिए । इस सोच के साथ इसकी नई शुरूआत
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shelley
Bahut sentimental vichar dhara............ janti hun sentimental hona aaj ke hisab se thik nahi par hoon. Aisa kyo n kuch kar jayan hum chale jane par v yaad aayen hum.
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