रविवार, 26 अप्रैल 2009

फ़िर हुई शुरूआत




सोच रही थी मेरे इस ब्लॉग को मेरी और मुझे इसकी जरुरत तो है। और इसलिए इसे बरक़रार रखना ही चाहिए । इस सोच के साथ इसकी नई शुरूआत

1 टिप्पणी:

सुभाष नीरव ने कहा…

शैली जी, आपके ब्लॉग पर पहलीबार आया हूँ। आपने जो अपनी पोस्ट में चित्र लगाए हैं वे सचमुच बोलते हैं। अलग से शब्दों की ज़रूरत नहीं महसूस होती। क्या आपकी पोस्ट में लगे चित्रों को मैं अपने किसी ब्लॉग में इस्तेमाल कर सकता हूँ? मेरे ब्लॉग्स हैं-
सेतु साहित्य - www.setusahitya.blogspot.com
गवाक्ष - www.gavaksh.blogspot.com
वाटिका- www.vaatika.blogspot.com
साहित्य सृजन- www.sahityasrijan.blogspot.com
और
सृजन-यात्रा - www.srijanyatra.blogspot.com