बच्चो के लिए लिखी यह कहानी मैंने बचपन में लिखी थी .यह कहानी मेरेलिए इसलिए महत्वपूर्ण है क्योकि यह मेरी पहली रचना है जो किसी पत्रिका में प्रकाशित हुई हो।
प्रिय शैली जी, मै समझ सकता हूँ .........किसी भी रचनाकार की पहली प्रकाशित रचना उसके लिए अनमोल खुशी के क्षण होते हैं ! मेरी पहली रचना जब मैगजीन में प्रकाशित हुयी थी तो दिल हुआ था सारी मैगजीन स्वयं खरीद लूँ ! न जाने कितने लोगों को दिखायी वो अपनी अधकचरी रचना ! यकायक कितना ऊर्जामय हो गया था मेरा संसार ! अपने व्यक्ति विशेष होने का भ्रम ............ आह वो पहली रचना !
लेकिन एक बात की प्रशंसा करनी होगी की आपका हिन्दी भाषा ज्ञान बहुत अच्छा था !
jo kal sapna tha wo aaj hakikat hai jo aaj anubhav hai wo kal umid thi yehi to jindgi hai yahan kabhi bhi kuch bhi kiya gaya jaya nahi jaata ati utam vichaar
पांचवीं लाइन में ""विटप की छावं ""८ वीं में "" ख़ुद को पहिचानना"" दस वीं में"" शशि की शीतलता"" -१३ वीं लाइन में"" बल्लरी लताओं के बीच"" आगे:"" बालारमण की किरण"" "",रोंद्ता गर्वित जलयान"" इन जैसे कई और अन्य शब्दों से सहसा यकीन कर पाना मुश्किल हो रहा है कि यह बचपन में लिखी गई कविता होगी क्योंकि शब्दों के इस मनोरम संगम पर एक वैशिष्ट्य अभिव्यंजित हो रहा है जो यह दर्शाता है कि साहित्यकार शब्दों की गरिमा से कितना परिचित होगा /बहुत बहुत मुबारकवाद /
Bahut sentimental vichar dhara............
janti hun sentimental hona aaj ke hisab se thik nahi par hoon.
Aisa kyo n kuch kar jayan hum
chale jane par v yaad aayen hum.
8 टिप्पणियां:
बहुत ही सुंदर कहानी है !!!!!!!
प्रिय शैली जी,
मै समझ सकता हूँ .........किसी भी रचनाकार की पहली प्रकाशित रचना उसके लिए अनमोल खुशी के क्षण होते हैं ! मेरी पहली रचना जब मैगजीन में प्रकाशित हुयी थी तो दिल हुआ था सारी मैगजीन स्वयं खरीद लूँ ! न जाने कितने लोगों को दिखायी वो अपनी अधकचरी रचना ! यकायक कितना ऊर्जामय हो गया था मेरा संसार ! अपने व्यक्ति विशेष होने का भ्रम ............ आह वो पहली रचना !
लेकिन एक बात की प्रशंसा करनी होगी की आपका हिन्दी भाषा ज्ञान बहुत अच्छा था !
jo kal sapna tha wo aaj hakikat hai jo aaj anubhav hai wo kal umid thi yehi to jindgi hai yahan kabhi bhi kuch bhi kiya gaya jaya nahi jaata ati utam vichaar
पांचवीं लाइन में ""विटप की छावं ""८ वीं में "" ख़ुद को पहिचानना"" दस वीं में"" शशि की शीतलता"" -१३ वीं लाइन में"" बल्लरी लताओं के बीच"" आगे:"" बालारमण की किरण"" "",रोंद्ता गर्वित जलयान"" इन जैसे कई और अन्य शब्दों से सहसा यकीन कर पाना मुश्किल हो रहा है कि यह बचपन में लिखी गई कविता होगी क्योंकि शब्दों के इस मनोरम संगम पर एक वैशिष्ट्य अभिव्यंजित हो रहा है जो यह दर्शाता है कि साहित्यकार शब्दों की गरिमा से कितना परिचित होगा /बहुत बहुत मुबारकवाद /
very gud presentation, thnx
दीपावली की हार्दिक शुभकामना
wish u a very happy diwali may it full of life and happiness.
सुंदर कहानी!
शुभकामनाएं।
achchha prayas hai.likhate raho.
एक टिप्पणी भेजें